रसीली चुत वाली राजकुमारी
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चुदाई वाला राज्य – रसीली चुत और बड़े मम्मो वाली राजकुमारी
ये किस्सा उस वक़्त का है जब हमारे देश में कामासूत्र का दौर था , राजा अलोक प्रताप सिंह के राज्य में चुदाई को कला माना जाता था। कही देशो से लोग उनके राज्य में आया करते थे , चुदाई के नए तरीको को सीखने और अपने तरीको को सिखाने। राजा खुद रोज़ कही घाटों तक इस विषय में अपना पूरा मन लगाते थे।
एक दिन राज्य में दविता नामक राजकुमारी का आगमन हुआ , वह पूर्वी राज्य के महाराजा की एक लेती बेटी थी और १८ वर्ष की कुवारी थी। दविता के पिता की यह चाहत थी की वह अपनी शादी से पहले चुदाई में माहिरता हासिल करे , ताकि वह अपने पति को हमेशा खुश रखे। दविता दिखने में बेहद खूबसूरत थी , उसके लम्बे सुनहरे बाल उसकी मस्त गांड के नीचे तक लहराते थे। छोटी सी उम्र में भी उसकी चूचिया , काफी बड़ी थी और सभी का ध्यान आकर्षित करती थी।
जब पहली बार राजा की नज़र राजकुमारी पर पड़ी तो वह पूरी तरह से हवस से भर गए , अलोक परताप के मन में राजकुमारी को चोदने के ख्याल आने लगे। मुश्किल यह थी की राजकुमारी को बस देख कर सिखने का आदेश महाराजा से मिला था। उन्हें अपना कुंवारा पन बरक़रार रखना था। इसीलिए अलोक प्रताप को अपनी हवस पर काबू रखना पड़ रहा था , वह किसी भी हाल में महाराजा के जज़्बातो को ठेस नहीं पोहुंचासकते थे। “आओ आओ राजकुमारी दविता , आपका हमारे राज्य में स्वागत है। ”
“शुक्रिया राजा जी , आपका राज्य बहुत ही सुन्दर है। ”
“शुक्रिया , मुझे पूरी उम्मीद है की आपका समय हमारे इस छोटे से राज्य में मंगल मय गुज़रे गा और आप बहुत कुछ सीखेंगी। ”
“हाँ मैं सिखने के लिए बहुत उत्साहित हु राजा जी। ”
फिर राजकुमारी अपने आराम कक्ष में चली गई और राजा जी की धोती में जो आग लगी थी उसे बुझाने के लिए वह जयंती अम्मा के पास गए। राजा को आता देख अम्मा खड़ी होगई , “आये महाराज , आपका कामशिक्षा घर में स्वागत है। ”
“प्रणाम अम्मा , हमे आप जल्दी से किसी कुवारी चुत के दर्शन करवादो। आग लगी हुई है , किसी मस्त कमसिन हसीना को चोदएंगे आज। ”
“ज़रूर महाराज , हमारे यहाँ कल ही एक कन्या आई है किसी बहार देश से। ”
फिर राजा जी उस लड़की के कमरे में गए जहा वह राजा का इंतज़ार कर रही थी, पूरी नंगी होकर। राजा का लंड पूरी तरह खड़ा होगया उसे देख कर। राजा जी उससे लिपट पड़े और उसे पूरी तरह चूमने चाटने लगे। ये लड़की योग में माहिर थी और पूरी तरह से फ्लेक्सिबल थी , उसने राजा को बिस्तर पर बिठाया और उनकी लंगोट खोल कर उनका लंड चूसने लगी।
लड़की राजा का लंड पूरी तरह से अंदर ले रही थी जिसके कारन राजा को बहुत मज़ा आ रहा था , “लड़की तुम्हारा मुख अद्भुत है। ”
लड़की मुस्कुराते हुए और मज़े से राजा का लंड चूसने लगी। फिर राजा ने लड़की को कस कर पकड़ा और उसे बिस्तर पर फेका , लड़की ने अपने पेरो को पूरी तरह फैलाया और राजा
को अपनी गुलाबी चुत के दर्शन करवाए। गीली चुत को देख राजा अपने आप को रोक नहीं पाया और उसने चुत को अच्छे से चटा। लड़की की चुत पहली बार चाटी जा रही थी , “आह , उफ़… ” करते हुए लड़की कराह रही थी।
राजा और इस लड़की की भाषा भले ही अलग थी लेकिन दोनों एक दूसरे की आग अच्छे से बुझा रहे थे , बिना कुछ कहे। राजा ने लड़की को कुत्तिया की तरह झुकाया और फिर पीछे से अपना लंड उसकी गुलाबी चुत के अंदर डाला। बड़ा सा लंड अंदर लेने का मज़ा लड़की के लिए बहुत अद्भुद था , उसने ज़ोर से सिसकी ली और फिर राजा उसे कस कर चोदने लगा।
जब राजा का लंड झड़ने वाला था तब उन्होंने लड़की का मुँह अपने लंड के पास लिया और लंड को उसके मुँह में झडा दिया। लड़की भी लंड को अच्छे से चुस्ती रही। अपनी हवस को पूरी तरह शांत करके अलोक प्रताप सिंह जयंती अम्मा के पास गया।
“अम्मा लड़की बहुत कमाल की है , बहुत खुश हुए हम इस सेवा से आज। ये लो सोने की मुद्रा। ”
“महाराज की जय ! और क्या सेवा कर सकती हु आपकी मैं ?”
“हम्म , एक खास बात है जिसमे मुझे आपकी मदद की ज़रूरत है। ”
“आपका हुकुम सरहाको पर महाराज। ”
“एक राजकुमारी हमारे प्रदेश में चुदाई की शिक्षा लेने आई है। बेहद आकर्षा है वह , उसके मुम्मे भरे हुए है छोटी सी उम्र में। मैं उसे चोदना चाहता हु किसी भी हाल में। ”
“आप बेफिक्र होकर उससे मेरे पास भेज दीजिये , में उससे आपको हर तरीके से प्रसन्न करने की कला सीखा दूंगी। ”
“उस बात का तो मुझे कोई शक नहीं है जयंती , लेकिन इस लड़की के कुंवारे पन को बरक़रार रखना होगा। मैं उसके पिता को नाराज़ नहीं कर सकता , इस राजकुमारी की शाद्दी ते हो चुकी है। ”
“हम्म , फ़िक्र मत कीजिये महाराज। आप इस राजकुमारी को आज ही दूध और चन्दन स्नान के लिए भेज दीजिये। ”
संदेसा भेजकर दाविता को दूध और चन्दन स्नान के लिए बुलाया गया। जयंती अम्मा ने अपने सरे छात्रों को राजकुमारी के साथ खेलने और उसे सीखने का आदेश दिया था। जब दाविता ने इतने सरे अलग अलग लोगो को नंगा देखा तो उसके मन में हवस की उत्सुकता बढ़ने लगी।
दाविता को अपनी चुत सेहलनि की आदत थी और अपने घर पर वह हमेशा अपने छोटे भाइयो के लंड के साथ खेलते हुए अपनी चुत को सहलाती थी। दाविता ने अम्मा से कहा , “इन सभी के जिस्म कितने खूबसूरत है। ”
“हाँ राजकुमारी , आप भी अपने कपड़ो को उतार दो और जाओ खेलो उनके साथ। ”
दविता ने अपने कपड़ो को निकाल फेका और चुम्मा चाटी करने लगी। काफी सारे जवान लड़के लड़किया एक दूसरे के जिस्मो को चुम और चाट रहे थे। दविता के पास एक लम्बा और सुडोल सा व्यक्ति आया और उसके मुम्मो को चूसने लगा , दविता उसके लंड को हिला रही थी।
व्यक्ति ने अपने चेहरे को आधा ढका हुआ था।
दविता की गीली चुत में ऊँगली करते हुए उस आदमी ने दविता से अपना लंड चुसवाया। जब दविता लंड चूस रही थी , एक लड़की पीछे से दविता की चुत को चाट रही थी। ऐसा मज़ा दविता को आज तक कभी नहीं आया था , दविता ने अपनी आखो को बंद करके पूरा एहसास लिया चुत चटाई का। फिर उस आदमी ने दविता का हाथ पकड़ कर उससे पास रखे एक खाट पर बैठाया और उसकी टैंगो के फैलाकर उसकी चुत में अपनी ज़बान को अंदर तक डाला।
“आह… ” दविता कराह उठी , आदमी उसकी मीठी चुत को काफी मज़े से खा रहा था और दविता को पुरे मज़े दे रहा था। फिर उसने दविता को अपनी गोद में बिठाया , और अपना लंड उसकी कुवारी चुत में डाला। दविता चीक उठी , “उफ़… ”
सील टूटने के कारन दविता का खून लंड पर बहने लगा , लेकिन चोदू आदमी माहिर था उसने दविता को अपने लंड पर बहुत सूझ भुज से उछाला और दविता का दर्द मज़े में बदल गया। उसके बड़े भरे मुम्मे उछाल रहे थे और आदमी उससे काफी मज़ेदार तरीके से चोद रहा था। दविता की चुत ने काफी सारा पानी छोड़ा और वह इस चुदाई में मग्न होगई।
एक और लड़का आया और उसने दविता के मुँह में अपना लंड दिया , उसने दविता से अपना लंड चुसवाया। कुछ ही पल में और भी लड़के वहा जमा होगये , क्युकी सभी उसके जिस्म से काफी ज़्यादा आकर्षित हो रहे थे। कुछ ५ से ६ लड़को ने मिलकर अपने लंड की मलाई दविता के जिस्म पर निकाली और जो आदमी दविता को चोद रहा था वह दविता की चुत में झड़ गया।
ऐसी चुदाई का आनद दविता ने आज तक कभी नहीं लिया था। जब चुदाई पूरी तरह से ख़तम हुई और दविता को नहलाया जा रहा था , उसने अम्मा को बताया , “मज़ा तो काफी आया अम्मा , लेकिन मेरे पिताजी अब मुझे देश से निकाल देंगे। इस सुख को पाकर शायद मेने अपना सब कुछ गवा दिया है। ”
“अरे घबराओ मत राजकुमारी , बस ये जड़ीबूटी खालो। ”
“इससे क्या होगा अम्मा। ”
“तुम्हारी सील दोबारा आजायेगी , बस अब तुम्हे एक हफ्ते भर चुदाई से उपवास करना होगा। ”
“क्या सच्ची ?” उत्सुकता से राजकुमारी से पूछा।
“बिलकुल , ये चुदाई का राज्य है राजकुमारी , हमारे पास हर किस्म का ज्ञान है चुदाई के बारे में। ”
“आमा तुम महान हो। बस एक और बात बतादो मुझे। ”
“हाँ बोलो। ”
“वह आदमी कौन था जिसने मुझे चोदा ?”
“हम्म , कल बताउंगी तुम्हे , बल्कि उससे तुम्हारे सामने ले आउंगी। ”
“आज ही ले आओ , एक और बार बस उसी से चुदवाना चाहती हु , फिर जड़ीबूटी खा लुंगी। ”
“अच्छा ठीक है तो ले आती हु उससे आपके सामने। ”
फिर जयंती अम्मा ले आई राजा को राजकुमारी के सामने , “यही है वह आदमी जिन्होंने आपको कुछ देर पहले चोदा। ”
राजकुमारी दविता राजा को देख कर शर्मा गई और राजकुमारी को लाल होता देख राजा का लंड खड़ा होगया। राजा ने अपनी धोती खोली और लंड सीधे राजकुमारी के मुँह में दिया।
दविता ने लंड को गन्ने की तह चूसा और फिर लेटकर अपनी टंगे पूरी तरह फलादि। राजा जी ने भी दविता को काफी पेला , लंड काफी अंदर तक डाल कर दविता की एक और बार मस्त चुदाई की।
दविता हवस से पूरी तरह से भर चुकी थी , उसने राजा से कहा , ” अब मेरी गांड को भी चोदो ”
तब राजा ने दविता की गांड के छेद पर तेल मसला और अपना लंड धीरे धीरे अंदर डाला , दविता की चीख निकल आई , “आह ”
फिर राजा चोदता रहा , ऐसी ग़हरी चुदाई देख कर अम्मा से भी रहा नहीं गाय और अपनी साड़ी उठा कर जयंती अम्मा ने भी अपनी अपनी चुत मसलना शुरू कर दिया।
चुदाई के इस राज्य में दविता बेहया बन गई।
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मेरी अगली कहानी का शीर्षक है “सामूहिक और जंगली चुदाई का किस्सा”
तो आप सब अपना ख्याल रखिएगा। कोविड का सिचुएशन है तो अपना विशेष ख्याल रखिएगा। नमस्कार।
धन्यवाद।
The End
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