ट्रेन का चुदाई भरा सफर

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वेटिंग सीट पर कन्फर्म चुदाई का मजा: ट्रेन का चुदाई भरा सफर

https://nightqueenstories.com/ के सभी सेक्सी पाठको को मेरा तहेदिल से नमस्कार। दोस्तों मेरा नाम राजीव सक्सेना है। मैं 24 साल का हूँ और प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करता हूँ।

ये घटना एक हफ्ते पहले की है। जब मैं ट्रेन से इलाहाबाद-प्रयागराज से दिल्ली जा रहा था। मेरा बर्थ कन्फर्म था और सीट ऊपर वाला था यह स्लीपर कोच था। खैर अभी शाम के 7 बजे थे और ट्रेन भी इलाहाबाद से ही चलती थी तो मैं नीचे ही बैठा था और मेरे सामने सीट पर एक मस्त खूबसूरत लड़की बैठी थी। उसकी चुचियाँ बिल्कुल तनी हुई थी। वह जीन्स टॉप में थी। लगभग मेरे ही उम्र की रही होगी।

पहले तो मैं उसे ध्यान नही दिया लेकिन कई बार मेरी नजरें उसपर गई तो देखा वह मुझे बहुत देर से देख रही है और मेरी नजर पड़ते ही दूसरे तरफ देखने लगती। तो एक बार मैं भी उसकी तरफ़ देख कर थोड़ा मुस्करा दिया। थोड़ी देर बाद सामने वाली बर्थ जिनकी थी, वे आ गए वे फैमिली थे और उधर के तीनों सीट उनकी थी। मेरे साइड के एक लोग नही आये थे अभी, तो मैं थोड़ा हटते हुए उसे बगल में बैठने को बोला तो वह बैठ गई। उसके जिस्म से एक अच्छी परफ्यूम की खुशबू आ रही थी। फिर मैंने उससे पूछा कि आपकी कौन सी बर्थ है तो वह बोली कि मेरा वेटिंग है। फिर वो भी मुझसे पूछी की आपका कौन सा बर्थ है तो मैं बोला कि मेरा ऊपर वाला है। तो वो बोली कि ठीक है जब आपलोग सोने लगेंगे तो मैं चली जाऊंगी या TT आएगा तो बात करके देखूंगी अगर सीट मिल जाए तो।

फिर मैं बोला कोई बात नही अगर सीट नही मिलती है तो आप मेरे सीट पर सो जाइएगा मैं बैठकर चला जाऊंगा कोई प्रॉब्लम नही है। इतने देर में TT भी आ गया सबका टिकट चेक किया फिर वह अपना टिकट उसको दी और बोली कि सर कोई सीट है तो दे दीजिए। तो TT बोला कि मैडम बहुत ज्यादा भीड़ है और कोई सीट खाली नही है आप किसी के साथ खुद ही बात करके एडजस्ट हो जाइए अच्छा रहेगा। तो वह उदास हो गई। तो मैं बोला आप परेशान मत हो मेरे सीट पर एडजस्ट हो जाएंगे।

फिर मैं उससे पूछा कहाँ जाओगी आप तो वह बताई दिल्ली फिर मेरे से पूछी तो मैं भी बताया दिल्ली ही जाऊंगा। फिर हमारे बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया इतने देर में मिडल बर्थ वाला भी आ गया तो वह भी नीचे ही बैठा अभी।

कैसे एक अनजान लड़की ट्रेन के सफर में मुझसे अपनी गर्म चूत चुदवा ली

उसका नाम संजना था। वह बहुत खूबसूरत थी और जो सबसे स्पेशल था वह था उसकी चुचियाँ। पिंक टॉप में उसकी चुचियो की नोक साफ दिख रही थी टाइट टॉप में उसका सेप बिल्कुल साफ दिख रहा था। चुकी वो मुझे पहले से देख रही थी तो मैं समझ गया था कि मैं उसे अच्छा लगा हूँ। तो मेरे मन मे भी शैतानियां जग गया। और मैं अपनी कोहनी उसके चुचियाँ पर दबा दिया। और जब मेरी नजरे उसपर गई तो वह मुस्कुरा रही थी। जाहिर था वह भी यही चाहती थी।

रात के 9 बज चुके थे और ठंड के मौसम के कारण अब सभी लोग सोने लगे थे। फिर मेरे बगल वाले बोले कि आपलोग अपने बर्थ पर जाइये हमे अब लेटना है। तो हम उठ गए और मैं उसको पहले ऊपर जाने बोला और मदद किया वह ऊपर गई फिर मैं भी ऊपर चला गया। चुकी हम खाना नही खाये थे तो मैं बोला आप खाना लायी हैं तो वह बोली हाँ मैं पैक करवा के लायी हूँ तो मैं बोला ठीक है फिर चलिए हमदोनो खाना खा लेते हैं। और फिर हमदोनो अपना अपना खाना निकाला और खाने लगी। हम साथ मे ही खा रहे थे। खाना खाने के बाद हम नीचे हाथ धोकर बारी बारी आए।

ठंड बहुत था तो सभी लोग कम्बल ओढ़ कर सो गए। ऊपर में मेरे सामने वाली बर्थ पर एक औरत थी वह भी 24, 25 साल की रही होगी। और अपने फ़ोन में व्यस्त थी। फिर मैं संजना को बोला कि तुम सोना चाहते हो तो सो जाओ मैं अभी बैठूंगा। तो वो बोली अभी मैं भी नही लेटूंगी। कुछ देर बैठे रहने के बाद मैं बोला कि एक काम करते हैं आप उधर मुँह कर लो मैं इधर और दोनों लेट जाते हैं ठंढ बहुत है। फिर मैं ब्लैंकेट निकाला और हमदोनो लेट गए। उसका पैर मेरे तरफ था।

मैंने जीवन मे बहुत चूत चोदा था लेकिन संजना के जैसा गर्म चुत कभी नही पाया था

फिर मैं गौर किया तो सामने वाली औरत कम्बल के अंदर मुँह करके सो चुकी थी उसकी खर्राटे भी आ रहे थे। फिर संजना दूसरे तरफ करवट लेकर सो गई उसकी जिस्म की गर्मी ने मेरे लन्ड को खड़ा कर दिया था। तो मैं उसकी गांड के तरफ मुंह करके लेट गया। अब मेरा लंड बिल्कुल उसकी गांड की दरार में टच होने लगा। उसकी कठोर गांड और मेरा लंड एक दूसरे से चिपके हुए थे। और मेरा लन्ड उसके गांड पर कसरत करने लगा।

संजना के दूध सी सफेद पैर बिल्कुल मेरे चेहरे के सामने थे। तो मैंने अपने हाथ उसके पैरों पर रख कर सहलाना शुरू किया और गर्म गर्म सांसों के साथ उसके पैरों को किस करने लगा। उसकी पैर बिल्कुल सॉफ्ट थे। फिर थोड़ी देर बाद वो मेरी तरफ़ मुड़ गयी अब उसका चेहरा भी मेरे पैरों की ओर था मेरी हरकतों पर उसने मुझे कुछ नहीं बोला तो मैं समझ गया और देर ना करते हुए उसके पैरों को सहलाते हुए जांघ तक जा पहुंचा। कुछ देर यूं ही उसके बदन की गर्मी का आनन्द लेता रहा फिर जब मैंने हाथ और ऊपर किया तो हैरान रह गया संजना ना जाने कब अपना जीन्स खोलकर नीचे सरका दी थी। तो मैं उसकी पेंटी एक तरफ हटा कर चूत पर हाथ रखा। दोस्तों उसकी चुत किसी भट्ठी की तरह तप रही थी। मैं बहुत चूत चोदा था लेकिन इतना गर्म चूत कभी नही पाया था। और उसकी गर्म चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी। अब मैं उसकी चूत में अपनी उंगलियां डालना शुरू कर दीया, उसकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे जिनको मैं अपनी उंगलियों से सहला रहा था। फिर धीरे धीरे कम्बल के अन्दर ही मैं अपना मुँह उसके चूत तक लेकर गया। और उसकी चूत को चाटने की कोशिश करने लगा।

फिर वह अपना एक पैर उठा कर मेरे कंधे पर रख दी। अब उसकी चुत बिल्कुल मेरे मुँह में था और मैं जोर जोर से चाट रहा था। मैंने पैंटी खीच कर अपनी जीभ को उसकी बुर के चारों तरफ़ घुमाना शुरू कर दिया। कभी कभी उसके दाने को दांत से पकड़ कर थोड़ा सा खींच कर छोड़ता तो उसको जैसे बिजली के झटके महसूस हो रहे थे मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था वो भी अपनी कमर धीरे धीरे हिला हिला कर मज़े लेने लगी थी। मैंने भी अपने पैर को उठा कर अपना लंड उसकी तरफ़ बढ़ा दिया वो बड़े प्यार से लंड को चाटने लगी हम अब 69 की पोजिशन में थे हम दोनों एक दूसरे के ऊपर नीचे नहीं थे बल्कि साइड में थे और हम जो भी कर रहे थे धीरे धीरे कर रहे थे क्योंकि ट्रेन में किसी को पता न चल जाए इस बात का भी ध्यान रखना था इसलिए हम पूरी सावधानी बरत रहे थे।

उसे अब बहुत मजा आने लगा था इसीलिए वो अब कुछ ज्यादा ही ज़ोर से अपनी कमर को हिला हिला कर अपनी चुत को मेरे मुँह से रगड़वा रही थी। तभी अचानक उसने मेरे सर को अपने हाथ से अपनी चूत में ज़ोर से दबाया साथ ही कमर को भी मेरे मुँह पर दबा दिया और उसकी चूत ढेर सारा पानी मेरे मुँह में छोड़ दिया मुझे बहुत मजा आया उसकी चूत का पानी पीने में। और फिर वह ढीली पड़ गई। मैंने उसकी चूत की रस धीरे धीरे अपने जीभ से चाट चाट कर साफ़ किया दो पल ठहरने के बाद वो फिर से मेरे लंड को चूसने लगी थी तो मैं भी अब जोर जोर से अपने लंड को उसके मुँह में घुसा रहा था जैसे कि मैं उसके मुँह को ही चोद रहा था। मेरे लंड का पानी भी अब बाहर आने वाला था और मैं जोर जोर से चोदने लगा और जोर से अपना लन्ड उसकी मुँह में दबा दिया और मेरे लंड से पानी निकलना शुरू हो गया। और वह सारा रस पी गई।

थोड़ी देर ऐसे ही हम पड़े रहे फिर वह उठी और बाथरूम गई और वापस आयी तो मेरे बाहों में मेरे तरफ ही सर करके सो गई। और मैं उसे कम्बल ओढा लिया। हम दोनों एक दूसरे से चिपके हुए कम्बल में अपनी साँसों को लड़ा रहे थे इस वक्त उसके बड़ी बड़ी कड़क चुचियाँ मेरी छाती से लग रहे थे मैंने उसके टॉप को ऊपर किया तो देखा ब्रा नही है लेकिन पहले तो वह ब्रा पहनी थी क्योंकि मैं बैठते हुए उसके ब्रा के स्ट्रिप को देखा था। तो मैं समझ गया कि वह ब्रा को टॉयलेट में ही उतार कर आयी थी तो मुझे जैसे ही इस बात का एहसास हुआ तो ये समझते देर न लगी कि शायद वह पैंटी भी उतार दी हो। तो मुझे समझ आया कि टॉयलेट से आने के बाद वो बैग में अपना ब्रा और पैंटी रख रही थी। और जब मैं नीचे हाथ ले गया तो देखा पैंटी भी नही है। https://nightqueenstories.com

फिर मैं उसके गोल मटोल कड़क चुचियो को अपने हाथ से जोर जोर से दबाने लगा और उसके निप्पल को मुँह में लेकर ज़ोर ज़ोर से पीने लगा तो वह खुद ही जीन्स को नीची सरका के एक पैर से निकाल दी अब उसकी जीन्स सिर्फ एक पैर में घुटनो के नीचे था। अब उसकी कमर के नीचे कुछ भी नहीं था और मेरा हाथ उसकी मक्खन जैसी मुलायम जांघों को सहलाए जा रहा था कभी कभी मैं उसकी चूत को और चूत के दाने को भी प्यार से सहला रहा था इधर संजना भी अपने हाथों से मेरे लंड को हिला रही थी।

संजना के गर्म चूत में मेरा लन्ड गया तो वह सिहर गई और बोली फाड़ दो मेरी चूत सनम

ऐसा काफ़ी देर तक चलता रहा हम दोनों पूरे जोश से भरे हुए थे मेरा लंड अब उसकी चूत की गहराई को नापने के लिये बेचैन हो रहा था। फिर मैं धीरे से संजना के कानों में उसे पलट कर सोने को कहा वह पलट गयी और पेट के बल हो गई। और मैं उसके ऊपर आ गया अब उसकी नंगी गांड की दरार मेरे लंड से चिपकी हुई थी उसने भी पैर फैला कर गांड थोड़ा ऊपर उठा ली।

फिर मैंने धीरे से अपने लंड को हाथ से पकड़ कर पीछे से उसकी चूत की छेद पर रखा और जोर से दबाया तो मेरा लण्ड उसकी चुत में आधा घुस गया वो दर्द से कराह उठी लेकिन वो चीखी नहीं शायद उसे एहसास था कि ट्रेन में सब सो रहे लोगों को पता न चल जाए। मैंने धीरे से एक और धक्का मारा और लंड पूरा का पूरा उसकी चूत की जड़ तक घुस गया अब मैं उसे चोदने लगा। अब मैं चुदाई की स्पीड बढ़ा दीया और जोर जोर से संजना को चोदने लगा वह भी अपनी गांड हिला हिला कर चुदवा रही थी। थोड़ी देर बाद वह धीरे से बोली मुझे सीधा होने दो। तो मैं साइड हुआ और वह सीधा हो गई और मुझे ऊपर आने बोली और अपनी टांगे चौड़ी कर दी। अब मैं फिर से उसके चुत में लन्ड डालकर चोदने लगा तो वह धीरे धीरे चिल्लाने लगी फक मि डार्लिंग फक मि। आहहहहहहहहहहहहहहहहह, हाफ हार्ड डिअर फक हार्ड सससीईईईईईईसससीईईईईईई….. आहहहहहहहहहहहहहहहहह….. ओहहहहहहहहहहहहहहहहह…. उममहःहहहहहहहहहहहहहहहह….सससीईईईईईईसससीईईईईईई….. ओहहहहहहहहहहहहहहहहह…. ओहहहहहहह हहहहहहह…… आह हहहहहहहहहहहहह…..फक मि डार्लिंग फक मि। आहहहहहहहहहहहहहहहहह, हाफ हार्ड बेबी फक हार्ड आहहहहहहहहह.. चोदो मेरी जान चोदो…. आआआहहहहहहह चोदो मेरी चुत। चोदो हहहहहहहहहहहह…….. जोर से आहहहहहहहहहहहहहहह……

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और तभी अचानक संजना अपनी गांड जोर जोर से उछालने लगी और उसकी चुत गर्म रस छोड़ने लगा। और 5, 6 धक्कों के बाद मेरे लन्ड ने भी संजना के चुत में माल छोड़ दिया तो वह जोर से मेरे कमर को दबा ली। और सारा रस अपने चूत में ले ली। और फिर हमदोनो शांत हो गए।

उस रात हम 4 बार चुदाई किए और सुबह 5 बजे हमदोनो कपड़े पहनकर एक दूसरे के बाहों में सो गए। फिर हम दिल्ली पहुँचे एक दूसरे का नम्बर एक्सचेंज किए।

ये थी मेरी ट्रेन की चुदाई। आपको कहानी कैसी लगी जरूर बताना।

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मेरी अगली कहानी का शीर्षक हैतड़पती जावानी – भाग-1

धन्यवाद।

नमस्कार।।

 

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