टिंकी और रिंकी की चुदाई
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चुत की प्यास बुझाना कोई इन बहनो से सीखे
“दीपेश sir please आप आरामसे चोदो, आप बहुत बेरहमी से चोदते हो। मेरा बदन घर पहुंचकर बहुत दुखता है।” करहाते हुए दीपेश की secretary मोना उससे दरख्वास्त कर रही थी।
“अरे मोना मेरी जान, तुझे नंगा देख कर मैं जानवर बनजाता हु। में अपने आप को काबू कैसे करू।” ज़ोर-ज़ोर से मोना को पेलते हुए दीपेश ने कहा।
“आ आ आ, सर मुझे बहुत दर्द हो रहा है।”
“ये मीठा दर्द है मेरी जान।” मोना की तंग चुत में अपना मोटा लंड अंदर बहार करते हुए, दीपेश मोना को सीधा लेटाकर, अपने ऑफिस की मेज पर चोद रहा था।
मोना के नाख़ून दीपेश की पीठ में गड़े हुए थे और वह दर्द और मज़े, दोनों के कारन कराह रही थी।
दीपेश अब बस झड़ने ही वाला था, उसने अपना लंड मोना की चुत से बहार निकाला और मोना से कहा, “चुसो”
मोना ने दीपेश का लंड अपने हाथ में पकड़ा और फिर उसे अपने मुँह में डाला, वह उस मोठे लंड को चूसने लगी और दीपेश उस मज़ेदार सनसनी को आखे बंद करके महसूस कर रहा था। “मोना मेरी जान मैं झड़ने वाला हु।”
“Sir मेरे मुँह के अंदर झड़ जाओ।”
“आ आ आ, मोना” कराते हुए दीपेश झड़ गया।
वहा दीपेश के घर पर
रिंकी काफ़ी परेशां थी अपने पति की बढ़ती लापरवाहियों की वज़ह से, कल दीपेश अपनी सात साल की बेटी रानी को school से लाना भूल गया था। इस बात पर दोनों की जम कर लड़ाई हुई थी और आज रिंकी को ऐसा लग रहा था जैसे उसने दीपेश से शादी करके बहुत बड़ी गलती की थी। वह अपने मन में सोच रही थी, “इस कमीने के पैसे देख कर मेने इससे शादी कर ली, अब मेरी सारी ज़िन्दगी ख़राब हो चुकी है। सारा काम मुजी को करना पड़ता है और ख़ुद पता नहीं, office के काम के बहाने कहा रंगरलिया मनाता रहता है।”
मन में अपनी पीड़ा पर विचार करते हुए, रिंकी की आँखे नम होगई थी, तब अचानक दरवाजे की घंटी बजी। “इस वक़्त कौन आया होगा” रिंकी ने सोचा। वह दरवाजे की तरफ़ बड़ी और key hole से देखा की कोई अनजान लड़का बहार खड़ा था। रिंकी ने दरवाज़ा खोला और लड़के से पूछा, “क्या काम है?”
“मैडम मेरा नाम आतिफ है और में कश्मीर से यहाँ शहर में काम की तलाश में आया हु। वहा सामने वाले मकान में रहने वाली टिंकी मैडम ने मुझे आपके पास भेजा है।”
रिंकी सोचने लगी, “ये टिंकी भी ना, ऐसे कैसे किसी भी अनजान आदमी को यहाँ काम के लिए भेज सकती है।” रिंकी ने आतिफ से कहा, “एक काम करो तुम, वहा उस बेंच पर बैठो, में मैडम से बात करती हु।”
रिंकी ने अपनी छोटी बेहेन टिंकी को फ़ोन लगाया और उससे कहा, “ये कि से भेजा है तूने, ऐसे किसी भी अनजान आदमी को घर मत भेजा कर।”
“अरे दीदी वह आपको घर के काम में हाथ बटाने वाला कोई चाहिए था ना, मेने सोचा इसे रख लेते है। सुबह आपके पास काम करेगा और रात को मेरे पास।”
“पर ऐसे कैसे किसी अनजान आदमी को हम रखले, वह भी कश्मीरी?”
“अरे मेरी भोली दीदी, कश्मीरी है इसीलिए तो रखना है।”
“मतलब?”
“उसका रंग रूप तो देखो दीदी, इस से चुदवाने में बहुत माज़ा आएगा, मुझे तो जल्दी से इसका लंड देखना है। किता गोरा और लाल लंड होगा इसका।”
रिंकी अपनी बहन टिंकी की बात सुनकर हास् पड़ी, “कामिनी, ऐसा सोचना भी मत। में अगर ऐसा सोचु तो ठीक भी है क्युकी मेरा पति बहार रंगरलिया मनाता है, लेकिन तेरा पति तो ऐसा नहीं है ना, कितना प्यार करता है राज तुजसे।”
“प्यार तो ठीक है दीदी, लेकिन राज का लंड बहुत छोटा-सा है और वहा मुझे ठीक से चोदता भी नहीं है।”
“पागलो जैसी बाते मत कर टिंकी, में अभी बहार जाकर उससे कहने वाली हु की हमारे यहाँ किसी तरह का काम नहीं है।”
“दीदी यार, आप तो सारा माज़ा किरकिरा कर देती हो।”
रिंकी ने उस लड़के से कहा की उनके पास किसी तरह का काम नहीं था और वह चला जाये। आतिफ काफ़ी दुखी होकर वह से चला गया।
अब शाम होगई थी और रिंकी दीपेश के घर आने का इंतज़ार कर रही थी, उसने सोचा था की बीती बातो को भूलकर वह दीपेश के साथ एक नए सिरहे से शुरवात करेगी। उनसे दीपेश को रिझाने के बारे में सोचा था, इसीलिए उसने बहुत ही sexy-सी nighty पहनी थी। रिंकी की चूचिया काफ़ी बड़ी थी, क्युकी रिंकी का बदन मांसल था। इस nighty में उसकी चूचिया और गांड बहुत hot लग रहे थे। इस बात का तो उसे पूरा यक़ीन था कि दीपेश उससे देख कर रुक नहीं पायेगा और आज रात ज़बरदस्त चुदाई होगी।
दीपेश नशे में धुत होकर घर आया, उससे इस हाल में देख कर रिंकी को बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन किसी तरह उसने अपने गुस्से पर काबू कर लिया। वह दीपेश से अच्छे से बात करती रही, “darling आज दिन केसा रहा?”
दीपेश की तरफ़ से कोई जवाब नहीं आया, वह तो पलग पर लेट चूका था। रिंकी ने दोबारा कोशिश की, “दीपू darling तुम्हे मेरी ये नइ वाली nighty कैसी लगी? मुझे छुओ ना दीपू, मेरी चूचिया और मेरी चुत में आग लगी है तुम्हारे लंड के लिए। आज मुझे चोदकर आग को बुजाओ ना।”
दीपेश की तरफ़ से तो कोई जवाब नहीं आ रहा था, इसीलिए रिंकी ने अपनी nighty निकल दी और वह पूरी नंगी होगई। वह दीपेश के पास गई और अपने जिस्म को उस से चिपका दिया, लेकिन दीपेश तो गहरी नींद में चला गया था। रिंकी को बहुत गुस्सा आया, उसकी सब्र का बंद अब टूट चूका था। नींद में बेहोश पड़े दीपेश पर थूकते हुए वह कपडे पहन कर घर से चली गई।
रोते हुए वह टिंकी के घर गई, टिंकी के घर की एक चाबी रिंकी के पास ही रहती थी। वह टिंकी को ढूँढते हुए घर के अंदर गई। bedroom से अजीब-सी आवाज़ आ रही थी, रिंकी जल्दी से bedroom की तरफ़ गई ये सोचकर की टिंकी किसी मुसीबत में ना हो, लेकिन bedroom में जो नज़ारा रिंकी ने देखा, उस से रिंकी के होश उड़गये।
आतिफ टिंकी को घोड़ी बनाकर उस से जम कर चोद रहा था और ये ही नहीं, टिंकी का पति राज उन दोनों की चुदाई की video निकाल रहा था। रिंकी को समझ नहीं आया की वह क्या कहे और क्या करे, वह अपनी आखे बंद करके वह से जाने लगी, तब टिंकी ने जल्दी से रिंकी को रोका और उसे पूरी बात समझाई।
“दीदी आप मेरी बात सुनो।”
गुस्से में रिंकी ने कहा, “क्या सुनु में कामिनी, जो हरकत तू कर रही है और तेरा नामर्द पति तेरा साथ निभा रहा है, उसकी वज़ह से तो मुझे तुझे बेहेन कहने में भी शर्म आ रही है।”
“दीदी आप खामखा बाल की खाल निकाल रही है। देखिये में और राज एक ‘open couple’ है, आज के ज़माने में ये बहुत आम बात है।”
“क्या बकवास कर रही है तू?”
“में कोई बकवास नहीं कर रही हु। अच्छा आप मुझे बताए, बच्चा होने के बाद क्या अपने आज तक sex किया है?”
“नहीं”
“क्या आपका मन नहीं करता दीद? अब गुस्सा मत करना, मुझे सच्चे मन से जवाब दो आप।”
कुछ seconds की ख़ामोशी के बाद रिंकी ने कहा, “मन तो करता है टिंकी लेकिन जो तुम कर रही हो वो ग़लत है।”
“क्या ग़लत है दीदी? क्या अपने शरीर की ज़रूरतों को पूरा करना ग़लत बात है? और में तो ये काम चोरी छुपे भी नहीं कर रही, मेरा पति भी इस बात में मुझे support करता है।”
रिंकी के पास कोई जवाब नहीं था। टिंकी ने उससे कहा, “देखो दीदी, अगर आप बुरा ना मनो तो में बस इतना ही कहूँगी की, अब अपने आप को और मत तड़पाओ, अगर दीपेश से नहीं मिल रहा है तो चलो मेरे साथ, आज जम कर आपकी चुदाई करवाती हु।”
रिंकी को कुछ समज नहीं आ रहा था लेकिन उस वक़्त पता नहीं क्यों उसे टिंकी की बात ग़लत भी नहीं लग रही थी, शायद उससे दीपेश पर बहुत ज़्यादा गुस्सा आ रहा था, वह टिंकी के साथ उसके bedroom में आगई, जहा आतिफ और राज इंतज़ार कर रहे थे। ”
टिंकी ने रिंकी के कपडे को खोलना शुरू कर दिया, रिंकी को शर्म आ रही थी। बस कुछ ही seconds में टिंकी ने उससे पूरा नंगा कर दिया। वह अपने दोनों हाथो से अपनी चूचियों और चुत को छुपाने की कोशिश कर रही थी।
राज ने मुस्कुराते हुए रिंकी से कहा, “साली साहेबा, छुपाने की कोशिश करना बेकार है, आपके काफ़ी बड़े-बड़े है, छुप नहीं पा रहे आपके हाथो से।”
टिंकी ने राज से कहा, “राज आप दीदी को comfortable करवाओ, तब तक में ज़रा आतिफ के साथ बची हुई अपनी चुदाई पूरी करलु। इसका लंड बहुत माज़ा देरहा है मुझे।”
राज ने जवाब दिया, “ofcourse darling”
राज रिंकी के पास गया और उसे हलके हाथो से छूने लगा, रिंकी के गोर जिस्म पर पूरी तरह से काटे आ गए थे राज के स्पर्श करते ही। बहुत दिनों बाद उससे किसी ने इस तरह छुआ था। उसकी आखे बंद थी, राज उसे धीरे-धीरे हर जगह छू रहा था। रिंकी के निप्पल अब काफ़ी फूल चुके थे और अब उसकी चुत भी गीली होने लगी थी। राज की उंगलियों में तो जैसे जादू था, रिंकी को पता भी नहीं चला और वह पूरी तरह से अब राज के काबू में थी, वह दोनों एक दूसरे को चुम रहे थे। दोनों ने अपने जीब और होठो को साथ लगा रखा था और चुम्मा चाटी कर रहे थे।
राज चूमने के साथ-साथ रिंकी की चुत को भी सेहला रहा था, रिंकी की चुत में आग लग चुकी थी, उसकी गीली चुत का पानी उसकी झंगो पर बेहेने लगा था और वह राज से बार-बार कह रही थी, “जीजाजी अब मुझे चोदो।”
“रुको, पहले तो में तुम्हारी चुत चाटूँगा रिंकी, बड़ी कमाल की लग रही है तुम्हारी चुत।” राज ने रिंकी को बिस्तर पर लेता दिया, उसी बिस्तर पर जहा आतिफ अब भी टिंकी को चोद रहा था। राज ने रिंकी के पेरो को खोल दिया और वह उसकी चुत पर टूट पड़ा। राज ने अपनी जीब से पहले तो रिंकी की चुत को अच्छे से चाटा और उसके बाद अपने होटो से रिंकी की चुत को चूसने भी लगा। रिंकी ने तो पहले ऐसा मज़ा कभी महसूस नहीं किया था। वह बस मज़े से कराह रही थी “आ माँ, उफ़”
अपनी बेहेन को इतना मज़ा लेता हुआ देख तो टिंकी को और भी sex चढ़ने लगा, उसने आतिफ को बिस्तर पर लेता दिया और पैर फैलाकर वह आतिफ के लंड को अंदर बाहर लेने लगी।
यहाँ अब राज भी रिंकी को चोदने लगा था, राज रिंकी के ऊपर था और हलके झटके दे कर रिंकी को बड़े प्यार से चोद रहा था।
चारो के बीच चुदाई काफ़ी देर तक चली, राज और आतिफ ने दोनों बहनो की प्यास काफ़ी अचे से बुझाई। चुदाई के बाद आतिफ चला गया और उसे टिंकी ने कहा, “आज शाम भी आना, मेरी कुछ सहेलिया भी होंगी, आज तुम ज़यादा पैसा कमा सकते हो।”
“ठीक है मैडम, में आजाऊंगा।”
आतिफ तो वहा से चला गया और टिंकी ने अपनी बड़ी बहन रिंकी से पूछा, “तुम्हारा क्या ख़्याल है दीदी? आज आओगी या नहीं।”
“टिंकी मुझे कभी अपनी पूरी ज़िन्दगी में sex करने का इतना ज़ायदा माज़ा नहीं आया था जितना आज आया है। लेकिन में तुम्हे आज के बारे में या फिर आगे के बारे में कुछ नहीं कह सकती।”
“ठीक है दीदी फिर, जब भी आपका मन करे, आप राज से चुदवा सकती है।”
चहरे पर काफ़ी ज़्यादा ख़ुशी लिए रिंकी वहा से अपने घर आगई, जब वह घर पहुची तो उसने देखा की दीपेश तो अब भी सो रहा था। दीपेश को अनदेखा किये वह नहाने जा रही थी, उसकी नज़र दीपेश के बार-बार बजते हुए मोबाइल पर गई। मोबाइल देख कर वह बोहचकी रह गई, दीपेश को उसकी सेक्रेटरी मोना I LOVE YOU वाले message भेज रही थी।
दीपेश का ये अफेयर अब रिंकी को पता चल गया था, लेकिन उसे ज़रा भी दुःख नहीं हुआ, कही ना कही उसे पता ही था कि दीपेश की ज़िन्दगी में कोई और भी था। रिंकी बाथरूम में गई और उसने मग में पेशाब की और पेशाब उसने दीपेश के मुँह पर मार्के उसे जगाया, “तुम्हे आज काम पर नहीं जाना है?”
दीपेश उठ कर रोज़ की तरह अपने काम में लग गया और रिंकी ने टिंकी को मैसेज करके बताया की वह आज रात भी उसके घर ज़रूर आएगी।
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