माँ बेटे की चुटफाड़ चुदाई की कहानी। पार्ट -2
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मेरी उंगलियों के स्पर्श ने उन्हें उत्तेजित कर दिया था। वो अब सिसकारियां ले रही थी और लंबी लंबी साँसे भी। अब वो धीरे धीरे अपने पैरों को फैला रही थी। जिससे कि उनकी चूत नजर आने लगी थी। फिर उन्होंने कहा कि बेटे मेरे जांघो पर बाम लगा दे। और फिर वो और भी अपने पैरों को चौड़ा कर दी। अब उनका चूत पीछे से साफ दिख रहा था। मैं बाम से उनके जांघो को मालिश कर रहा था। मेरा तो लंड तम्बू बन गया था इससे पहले मेरा लंड इतना कड़क कभी नहीं हुआ था। मैं उनके जांघो पर बाम लगाते हुए, उनके चूत तक अब उंगलियों को ले जा रहा था। फिर मैं अब और भी ज्यादा उंगलियों को उनके चूत पर टच करने लगा था। मम्मी को शायद बहुत मजा आ रहा था, वो अब मौन कर रही थी, सिसकारियां भर रही थी। और मदमस्त आवाज में आहहहहहहहहहहहहहहह आहहहहहहहहहहहहहहह की आवाजें निकाल रही थी। मेरी उंगलियां उनकी चूत को टच कर रही थी फिर भी वो मुझे मना नही कर रही थी। तो मेरा हौसला बढ़ गया अब मैं पूरा हथेली माँ के जांघो के बीच ले गया और चूत को रगड़ने लगा। वो तो जैसे पागल हो गई। बहुत तेज तेज आवाज में सिसकारियां लेने लगी। उनकी चूत गर्म हो गई थी और बिल्कुल गीली भी उनकी चुत से अब पानी रिसने लगा था। मैंने उनकी गांड के दरार को फैलाया और उनकी गोल छेद वाली बन्द गांड को भी सहलाने लगा। मैं कभी उनकी गांड तो कभी चूत के छेद को रगड़ रहा था। करीब 10 मिनट रगड़ने के बाद माँ चिलाई की बेटा जोर जोर से मेरी चूत रगड़ो। और मैं और भी जोर से रगड़ने लगा। और फिर माँ की चूत ढेर सारा पानी छोड़ दिया। मेरी माँ की चूत से पानी बह रहा था और पूरा बिस्तर गीला लसलसा हो गया। मेरी माँ अब शांत हो गई। और फिर धीरे से घूमी उनके चेहरे पर मुस्कान के साथ एक अलग चमक थी। उन्होंने उठा और मुझे अपने सीने से लगा लिया। उनकी कड़क चुचियाँ मेरे सीने में चुभ रही थी।
और इस तरह माँ-बेटे की चुदाई शुरू हुई।
तो देखा आपने कैसे मेरे और मेरी माँ के बीच की चुदाई की शुरुआत हुई। अभी तक देखा आपने देखा की कैसे मैं बाम लगाते हुए अपनी माँ का चूत का पानी निकालकर उनको जन्नत का सैर कराया।
अब बारी मेरी माँ की थी। वो मुझे गले लगाई और भावुक हो गईं और कहने लगी बेटा तुम्हे बुरा तो नहीं लगा मैं बहक गई थी। मैं वर्षो से प्यासी थी। मेरी चूत लंड से चूदकर कभी चरमसुख का आनंद नहीं लिया। अगर तुम्हें बुरा लगा तो मुझे माफ़ करना बेटे। मैंने कहा कोई बात नहीं माँ मुझे बुरा नही लगा मैं जानता हूँ तुम लंड की भूखी हो। क्योंकी पापा तुम्हे चोदकर तुम्हारी प्यास नहीं बुझा पाते। ये मैंने कई बार देखा है। मैं तुम्हे पापा से चुदते हुए और बाथरूम में उंगलियों और गाजर, मूली से प्यास बुझाते हुए कई बार देखा है। शायद ये बात माँ पहले ही जान चुकी थी लेकिन कभी इजहार नहीं होने दी थी।
माँ बोली बेटा तू कितना अच्छा है तू कितना अपनी माँ का ख्याल रखता है। तेरे जैसे बेटे इस दुनिया मे सभी माँ को मिले। और फिर वो एक बार फिर से मुझे सीने से लगा ली। और अब उन्हें एहसास हुआ कि मैं भी लंड का पानी निकालने के लिए बेताब हूँ। फिर वो मुझे लेटा दी और मेरे पैंट को खींचकर निकाल दी। मेरा लंड तो जैसे साँप की तरह फुफकार रहा था। माँ तो देखते ही शॉक्ड हो गई, कहने लगी बेटा तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है। इतना बड़ा लंड तो मैंने अपने जीवन मे कभी नहीं देखा। तुम्हारा पापा का तो इसका आधा भी नहीं है।
मैं काफी जोश में था। मेरा लंड बिल्कुल लोहे के समान सख्त हो गया था। लंड पर नसों की उभार साफ दिख रही थी। फिर मेरी माँ नीचे झुकी और मेरे लंड को अपने मुँह में ले ली। और ऊपर नीचे करने लगी। फिर वो ढेर सारा थूक मेरे लंड पर लगाई जिससे कि मेरा लंड उनके हाथ मे पूरा चिकना हो गया। वो जोर -जोर से मेरे लंड को हिला रही थी। कभी वो मेरे गोटियों को चूस रही थी तो कभी लंड को पुर निगल जा रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं माँ के सर को पकड़े हुए था और बालों को सहला रहा था। जब मेरी माँ मेरे लन्ड को मुँह में लेकर चोद रही थी तो घचाक-घचाक की आवाज आ रही थी। क्योंकि माँ का मुँह का सारा लार मेरे लन्ड पर लग गया था। करीब 5, 7 मिनट ऐसे ही जोर जोर से लन्ड को माँ हिलाती रही। और फिर मैं भी नीचे से कमर उठा उठा कर माँ के मुँह को चोदने लगा। फिर मुझे एहसास हुआ कि मेरा लन्ड पानी छोड़ने वाला है। मैंने कहा माँ हटो मेरा पानी निकलने वाला है। माँ बोली बेटा मुझे पिला मुझे लन्ड का पानी पीना बहुत पसंद है। अपने बेटे का पहला लन्ड का पानी मैं पीना चाहती हूँ। और फिर वो मेरे लन्ड को जोर जोर से मुँह से चोदने लगी मैं भी चोद रहा था। फिर मेरा लंड गर्म वीर्य उगलने लगा । और मेरी माँ का मुँह मेरे वीर्य से भर गया। माँ पूरा वीर्य निगल गई। फिर अपनी जीभ से चाटकर मेरे लन्ड को साफ की। मैं बहुत हल्का महसूस कर रहा था। मुझे जीवन मे इतना आनंद पहली बार आया था।
फिर मैं सो गया और माँ नहाने चली गई। मैं जब शाम को उठा तो देखा माँ बिल्कुल रेड साड़ी में हैं और काफी मेकअप की हुई है। वो बिल्कुल 25 साल की कमसिन कली लग रही थी। मैं तो उन्हें देखता ही रह गया। वो स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा को भी मात दे रही थी। उनके चेहरे पर एक गजब की खुशी के साथ मुस्कान थी। फिर वो मेरे पास आई और मुझे सीने से लगा लिया। और बोली कैसे हो मेरे राजा बेटा। मैंने कहा मैं ठीक हूँ माँ। और आप बहुत खूबसूरत लग रही हैं। उन्होंने कहा कि बेटा ये खूबसूरती तुमने मुझे दी है। आज तुमने मेरे नीरस जीवन मे जान डाल दी है। वर्षों की प्यासी धरती को बारिश की बौछारें पिला दी है। फिर उन्होंने कहा कि तुम फ्रेश हो जाओ मैं तुम्हारे लिए पनीर पकोड़े बनाती हूँ। फिर मैं बाथरूम में चला गया। और माँ किचन में। जब मैं नहाकर आया तो माँ पकोड़े के साथ कॉफ़ी लेकर आई और हमदोनों मिलकर पकोड़े खाए। माँ ने अपने हाथों से मुझे पकोड़े खिलाए।
उस दिन पापा घर पर नही थे तो माँ बोली कि घूमने चलोगे। मैंने कहाँ हाँ चलते हैं। मैं तैयार हो के आ गया माँ तो पहले से तैयार थी। फिर हम पास के पार्क में ही घूमे और माँ बोली कि बेटा चलो आज बाहर से ही डिनर करके घर चलते हैं। मैंने कहा ठीक है। फिर हम पास के ही रेस्टोरेंट में खाना खाए और घर आ गए।
माँ बनी मेरी दुल्हन
तब रात के करीब 10 बज चुके थे। और मुझे फिर से नहाने का मन कर रहा था सो मैं नहाने चला गया। फिर माँ भी बोली कि मैं भी नहा लेती हूं। फिर वो नहाकर अपने रूम में गई और मुझसे बोली कि तुम अभी अपने रूम में आराम करो। लेकिन मैं TV देखने लगा। करीब एक घंटे बाद माँ मुझे आवाज दी कि बेटा टीवी बन्द कर दो औ अब सोने का समय हो गया। और आज तुम यही मेरे पास ही आकर सोवो। फिर मैं टीवी बन्द कर जब माँ के रूम में गया। माँ बिल्कुल दुल्हन की तरह सजी हुई बेड पर घूँघट किए बैठी हुई थी। वो वही साड़ी पहनी थी जो शादी में पहनकर आयी थी। जिसमे वो पहली रात पहनी थी। मैं तो
हैरान रह गया। मैं एकटक देखता रह गया। फिर माँ बोली आओ बेटा मेरे पास आओ। तुम्हारी दुल्हन तुम्हारा इंतजार कर रही है। फिर मैं पास गया और बिस्तर पर बैठ गया। मैं माँ के घूँघट उठाया माँ नीचे सर करके शर्मीली दुल्हन की तरह थी। फिर मैंने माँ के सर को ऊपर उठाया उनकी आँखों मे चमक थी और वो परी की तरह खूबसूरत लग रही थी। फिर वो मुझे अपने सीने से लगा ली। ऐसे ही हम 2 मिनट तक एक दूसरे के बाहों में रहे। फिर मैंने माँ के होंठो को किस करने लगा वो भी भरपूर साथ देने लगी। हम दोनों एक दूसरे को करीब 10 मिनट तक लगातार एक दूसरे को किस करते रहे। कभी वो मेरी जीभ को चाट रही थी तो कभी अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसेड़ दे रही थी। ये मेरे जीवन का पहला किस था। और इतना लंबा किस मेरी माँ के जीवन मे भी पहली बार हुआ था।
फिर मैं बिस्तर से नीचे आया और माँ के हाथ थाम के उन्हें भी नीचे आने को इशारा किया। फिर से मैं उनकी होंठो को चूसने लगा। उनकी खूबसूरत आँखों पर किस किया फिर उनकी गले पर और अपनी गीली जुबान से चाटने लगा। माँ गर्म होने लगी थी। फिर मैं माँ के पल्लू को गिरा दिया। और साड़ी को खींचने लगा। पूरा साड़ी अलग कर दिया। लाल रंग को पेटीकोट और ब्लाउज में माँ अप्सरा लग रही थी। रूम में पूरा रोशनी था। फिर मैंने अपना हाथ पीछे कर माँ के ब्लाउज के फीते को खींच दिया। और पूरा ब्लाउज निकाल दिया। ओह माय गॉड। माँ लाल रंग की ब्रा पहनी थी और उनकी ब्रा में आधे से ज्यादा उनकी बड़े बड़े कड़क और गोरी चुचियाँ कयामत ढा रही थी। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उनकी चुचियों को मसलने लगा। वो सिसकारियां भरने लगी। मैंने हल्का सा दांतो से उनकी चुचियों पर काटा वो उछल गई। और दांत के दाग दिखने लगे। मेरी माँ मेरे पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को सहला रही थी। फिर मैंने उनकी पेटीकोट के नाड़े को खींच दिया और उनकी पेटीकोट जमीन पर गिर गई। अब वो सिर्फ लाल रंग की पैंटी और ब्रा में थी। फिर मैं उन्हें खींचकर जोर से अपनी बांहों में भर लिया और फिर उनकी चूतड़ों को मसलने लगा। साथ ही अपना लंड उनकी पैंटी के ऊपर से ही चूत पर रगड़ने लगा। हम दोनों ही अब बिल्कुल गर्म हो चुके थे। माँ लाल रंग की ब्रा पैंटी में रति की तरह दिख रही थी। फिर मैंने पीछे से उनकी ब्रा की हुक खोलकर उनके चुचियों को आजाद कर दिया। और उनकी चुचियों को मुँह में लेकर पीने लगा। अब तक मैं भी पूरा नंगा हो चुका था। फिर मैंने माँ के पैंटी को नीचे सरका दिया। वह घुटनो तक गया फिर माँ खुद ही अपने पैरों से पैंटी नीचे कर निकाल दी। अब मैं माँ को पीछे की तरफ किया और उनकी मांसल बाहों गर्दन और पूरे पीठ को चाटने लगा। फिर माँ ने मेरी हाथ पकड़ी और अपने चूत पर रख दी। मैं इशारा समझ चुका था। और माँ के चूत को जोर जोर से रगड़ने लगा। वह पैरों को चौड़ा कर दी। और जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी। उनके मुंह से अनायास ही निकला ओहहहहहहहहहहहहहहह बेटा आहहहहहहहहहहहहहहह जान।
मैं तो तेरी दीवानी बन गई। फिर मैंने उन्हें गोद में उठाया और बेड पर पटक दिया। वो मछली की तरह तड़प रही थी। फिर वो मुझे भी बेड पर खींच ली। और मुझे बेड पर गिरा कर मेरे ऊपर आ गई और झुककर मुझे किस करने लगी। और धीरे से कानो में बोली कि इससे पहले कभी चूत चोदे हो। मैंने कहा नहीं ये मेरा पहली बार है। आजतक मैं सिर्फ मुठ ही मारकर अपने लंड को शांत किया हूँ। फिर वो नीचे की तरफ गई और मेरे लंड को मुंह मे लेकर चूसने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। फिर वह मेरे ऊपर फिर से आई और मेरे लंड को पकड़कर अपने चूत के छेद पर सेट की। और उसके बाद वह जोर से नीचे की तरफ अपनी गांड को दबा दी। मेरा पूरा लन्ड उसकी चूत में समा चुका था। मुझे दर्द से एहसास हुआ। लगा जैसे मेरा लंड छिल गया हो। फिर वो 2 मिनट ऐसे ही पड़ी रही। और फिर ऊपर नीचे होना शुरू की। अब मुझे भी मजा आ रहा था। अब वो जोर जोर से मेरे लंड पर उछल रही थी। और जोर जोर से चीला रही थी। आहहहहहहहहहहहह आहहहहहहहह हहहहहहह ओहहहहहहहहहहहहहहहहह बेबी क्या मजा दिया है तुमने। आज तो मुझे चुदाई का असली आनंद जीवन मे मिल रहा है। मैं तृप्त हो गई बेटे। तेरा लंड पाकर मैं धन्य हो गई। वो चीला रही थी वो मेरे राजा बेटे ऐसी आनंद मुझे अपने जवानी में कभी नही मिले। अब मैं भी नीचे से चोदने लगा था और वो चीला रही थी । चोदो मेरी चूत को चोदो जान चोदो। ये चूत बहुत परेशान करता है मुझे। चोदो मेरे राजा। चोदो जोर से। फिर वो बोली कि अब तुम ऊपर आकर चोदो।
फिर मैं नीचे आया और उसकी दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ दिया। और फिर वो खुद ही अपनी गांड के नीचे तकिया लगा ली। जिससे उनका बुर चूत ऊपर हो गया। और फिर मैं उनके पैरों को घुटनों से मोड़ के ऊपर करके फैला दिया। उसकी चिकनी चूत बिल्कुल लाल थी। और उसकी चूत से मदमस्त खुशबू मेरी नाकों में समा रही थी। उसकी चूत के दाने बहुत बड़े थे और फूलकर सख्त हो गए थे और बाहर की ओर आ गए थे। उसकी चूत से लगातार लसलसा पानी बाहर आ रहा था। और चूत बिल्कुल चमक रहा था। फिर मैंने उसकी चूत पर मुँह रख दिया उसकी चूत किसी भट्ठी की तरह धधक रही थी। मैने उसके चूत के दाने को अपने होठों से पकड़कर ऊपर की ओर खीचना शुरू कर दिया और अपनी जुबान चूत पर रगड़ने लगा। वह पागल हो गई। और मेरा सर पकड़ के अपने चूत पर दबाने लगी। मैं भी जोर जोर से उसकी चूत को चाटने लगा।
फिर वो बोली कि मेरे राजा बेटा अब अपनी लंड को मेरी चूत में घुसेडो। मैने भी बिना देर किए उसकी आज्ञा का पालन किया और अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया। गर्म चूत में जब गर्म कड़क लंड गया तो माँ पागल हो गई। वो चीखने लगी। अब देर मत करो मेरे राजा। चोद दो मुझे जल्दी से। मैने भी जोरदार धक्कों के साथ चोदना शुरू कर दिया। अब वो चीला रही थी। चोदो मेरे राजा बेटे। चोदो। चोदो जोर से। फाड़ दो मेरी प्यासी चूत। सालों से मेरी चूत प्यासी है। चोदो जोर से। तेरे हिंजड़ा बाप का लंड तो पता ही नही चलता मेरे चूत में। आज मैंने असली मर्द का लंड से चुद रही हूँ। आहहहहहहहहहहहहहहह आहहहहहहहहहहहहहहहहह बेटे चोदो बेटे चोदो अपनी माँ को। फाड़ दो अपनी माँ की चूत। निकाल दो सारा रास अपनी माँ की चूत की। ओह हहहहहहहह हहहहहहह हाँ बेटे आई लाइक दिस माय किंग सन। फ़क मी हार्ड माय सन फक मी हार्ड। चोदो। मैं प्यासी हूँ मेरी चूत तुम्हारे लंड खाने को कबसे बेताब था। आज मै पूरा निगल लुंगी इसे। तेरे बाप ने कभी इतना नहीं चोदा मुझे। वो तो 8, 10 झटकों में ही झड़ जाता है। कभी मुझे चरमसुख नहीं दिया। आज तुमने मुझे जिंदगी का सच्ची चुदाई का एहसास दिलाया। चोदो । चोदो जान। चोदो। चोदो अपनी रंडी माँ को। फाड़ डालो इस वेश्या के चूत को। तुम्हारी माँ अब रंडी बन चुकी है। अपने बेटे का लंड खा के बिल्कुल रंडी बन चुकी है। चोदो अपनी रंडी माँ को बेटे। मैंने भी करीब 1 घंटे के चुदाई के दरम्यान मेरी माँ कई बार झड़ चुकी थी। फिर मैंने कहा मेरी रंडी माँ मैं झड़ने वाला हूँ। तो उसने कहा मेरी चूत में ही झड़ बेटा। अपना लंड का पानी मेरे चूत में ही छोड़। और फिर मैं भी झड़ गया। और हाँफते हुए माँ के ऊपर लेट गया। मेरी माँ मुझे कस के अपनी बाहों में जकड़ ली। उस रात मैं और माँ 5 बार चुदाई किए।
माँ को मैं पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया था। अगले दिन मेरे लन्ड में दर्द का एहसास हो रहा था। और माँ के चूत में भी जलन हो रहा था।
तो कैसा लगा मेरी व माँ की चुदाई की कहानी। आप सब कॉमेंट करके जरूर बताना। अब मुझे विदा कीजिए। मैं फिर से जल्द ही अपना अगला अनुभव साझा करने आऊंगा। तब तक के लिए दीजिए इअज्जत। नमस्कार।……..