चाचा ने की पहली चुदाई

 2,296 

मेरे चाचा ने की मेरी पहली चुदाई।

हेलो दोस्तों मैं हूँ रिद्धिमा और प्यार से मुझे लोग रिद्धि बुलाते हैं। मैं 21 साल की जवान खिली हुई कमसिन कली हूँ। मेरा रंग सांवला है। और मेरी हाइट 5.3 है। 34 के मेरे चुचियाँ किसी नारियल की तरह सख्त और कड़क हैं। 26 इंच की पतली कमर के बीच गहरी नाभि जो मेरी गांड की छेद जैसी लगती है। 36 इंच की गोलाकार गांड तो किसी ब्रह्मचारी की भी लंड में उबाल ला दे। जब मैं चलती हूँ तो मेरे गांड ऐसे थिरकते हैं जैसे स्प्रिंग लगी हो।

ये कहानी मेरे और मेरे हैंडसम हंक चाचाजी की है। क्या बताऊँ दोस्तों जब पहली बार उन्होंने मुझे चोदा मेरी तो जान ही निकाल दी थी। और मजा तो इतना दिए कि मैं आजतक उस पहली चुदाई को भूल ना पाई। ना ही अपने जिंदगी में कभी भूल पाऊंगी।

बेसिकली मैं UP से ही हूँ जो मेरा गांव बनारस के पास है। लेकिन मैं अपने चाचाजी के साथ गाजियाबाद में रहती हूँ।और यहीं रहकर पढ़ाई करती हूं। मेरे चाचाजी की उम्र 44 साल है जो मेरे पिताजी से 4 साल छोटे हैं मेरे पिताजी उनको बहुत प्यार करते हैं दोनों भाइयों के बीच बहुत गहरा दोस्ताना रिश्ता है। वे भाई कम और दोस्त ज्यादा हैं। मेरे चाचाजी बहुत हँसमुख इंसान हैं। वो सबो से हंस कर बात करते हैं किसी को डांटते नहीं। वो प्राइवेट सेक्टर में जॉब करते हैं लेकिन सैलरी लाखों में है। वो रोज जिम जाते हैं इस वजह से बदन गठीला है। और वो 30 के आस पास के लगते हैं वैसे तो रंग थोड़ा डार्क है लेकिन बहुत हैंडसम लगते हैं।  एक दोस्त की तरह ट्रीट करते हैं। मेरी चाची करीब 2 साल पहले किसी बीमारी से गुजर गई। मेरे चाचा का एक लड़का है जो 14 साल का है लेकिन वो अपने नानाजी के यहां मुम्बई में रहता है।

मेरी चाची के गुजरने के बाद मेरे पापा ने कहा कि की रिद्धि को हाजिअबद इसके चाचा के पास भेज देते हैं। यहाँ गांव से अच्छा वहां पढ़ भी लेगी और चाचा का भी ख्याल रखेगी। मेरी माँ मान गई और चाचा जी भी तैयार हो गए।

गाँव से यहां का आबोहवा बिल्कुल अलग है। खुलापन ऐसा की गांव में ऐसे हो तो रोज मार कुटाई हो। लड़कियां छोटे छोटे कपड़े पहन कर घूमती हैं यपने बॉयफ्रेंड के हाथों में हाथ डालकर। शुरुआत में ये मेरे लिए बिल्कुल सरप्राइजिंग था। लेकिन अब मैं ग़ज़ियाबादी हो गई हूं। मुझे भी छोटे कपड़े पसन्द आने लगे हैं। ब्रांडेड ब्रा और पैंटी की शौकीन हो गई हूँ। कुल मिलाकर अब मैं बिल्कुल चेंज हो गई हूं या ये कहिए कि बेशर्म और बेहया हो गई हूं। गांव में मेरे गालियां बहुत आम बात है। मेरे घर मे भी सुबह की शुरुआत गालियों से होती है और रात की शुभरात्रि भी गालियों से ही। ये मेरे लिए रोमांचक अनुभव है क्योंकि मैं गालियां देती नहीं लेकिन सुनना अच्छा लगता है।

अब आते हैं मेन मुद्दे (कहानी) पर

कैसे चाचा ने की मेरी पहली चुदाई: दोस्तों ये बात तब की है जब मैं गांव से गाज़ियाबाद आई। और अपने चाचा जी से अपने चूत का सील तुड़वाकर अपने प्यारी चूत का भोंसड़ा बनवाई। चुकी मेरे चाचा मुझसे दोस्त की तरह व्यवहार करते थे। और उनका गठीला बदन देखकर मैं उनकी ओर धीरे धीरे आकर्षित होने लगी। वह मेरा बहुत खयाल रखते थे। लगभग रोज आफिस से लौटते वक्त चॉकलेट, पिज्जा ,बर्गर जैसी फ़ास्ट फूड लाते थे। छुट्टियों के दिन हम घूमने जाते थे। और मॉल में ब्रांडेड महंगे कपड़े की शॉपिंग कराते थे। मैं अब सिर्फ ब्रांडेड कपड़े ही पहनने लगी थी। क्योंकि चाचाजी ने मुझे इसकी लत लगा दी थी। मैं चाचाजी के साथ जब बाइक बुलेट पर या गाड़ी में घूमने जाती थी एक गर्लफ्रैंड की तरह ही रहती थी हाथों में हाथ डाल के घूमना हंसी मजाक सबकुछ।

मैं और चाचाजी जब एकसाथ होते थे तो लगता ही नही था कि हम बाप बेटी जैसे रिश्ते में हैं। इतने घुलमिल गए थे।

धीरे धीरे हमदोनों ही एक दूसरे के प्रति आकर्षित होने लगे। एक दूसरे को पसन्द करने लगे। चाचाजी का अपना 2 bhk फ्लैट था। चाचाजी के रूम में ही TV था उनके रूम का बेड भी बहुत बड़ा था। तो हम अक्सर TV देखते एक ही बेड पर सो जाया करते थे। मैं अब उनको गौर से देखा करती थी। मुझे ऐसे देखना अच्छा लगने लगा था। खासकर जब वो बनियान उतारकर नहाने जाते या नहाकर वापस आते। उनका भी आकर्षण मेरी तरफ तेजी से बढ़ रहा था। वो अक्सर मेरी करारेदार चुचियों को घूरकर देखते थे। और जब मैं उनकी तरफ देखने लगती थी तो शर्मा जाते थे। वो अब मुझे वासना भरी नजरों से घूरा करते थे। आखिर वो भी तो एक मर्द हैं जवान मर्द जो औरत के सानिध्य से काफी समय से दूर हैं। तो ये होना स्वाभाविक था। हम अक्सर हंसी मजाक में एक दूसरे को छेड़ते रहते थे। कभी वो किचन में मुझे पीछे से पकड़ लेते तो कभी मैं उनके पीठ पर झूल जाती। उनका स्पर्श मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था।

अब वो कभी कभी अनजाने में लेकिन जानबूझकर मेरी चुचियों को टच करते थे तो कभी मेरे भरे हुए गांड को। वो जब किचन में मुझे से पीछे से पकड़ते थे तो उनका बड़ा लन्ड साफ मुझे अपने गांड पर महसूस होता था।

अब अक्सर ऐसा होता था कि उनका लंड खड़ा हो जाता था। कई बार मेरी नजरें उस पर पड़ती थी। वो भी शायद मुझे दिखाना चाहते थे। अब ये रोज का सिलसिला हो गया। वो अक्सर मुझे पीछे से पकड़ लेते और मेरे गालों पर पप्पी ले लेते और कहते कैसी है मेरी गुड़िया। वो मुझे प्यार से गुड़िया ही बुलाते थे। और तब उनका लंड खड़ा हो जाता था जो मेरी गांड में चुभता था। मैं भी कभी कभी अनजान बनते हुए अपना भारी गांड उनके लन्द पर रागग देता था।

एक दिन वो नहाकर बाथरूम से बाहर आ रहे थे तभी वो फिसल गए और फर्श पर गिर पड़े। उनका तौलिया खुल गया। वो बिल्कुल नंगे हो गए थे। उनका बड़ा सा काला लंड किसी नाग की तरह था। फिर मैं दौड़कर गयी और उनको सहारा देकर उठाया। वो उठते हुए तौलिया भी उठाए और एक हाथ से तौलिया से अपना लंड छुपाने लगे। मैं सहारा देकर उन्हें बेडरूम में लायी। उनके कमर में और कोहनी में जबरदस्त चोट लगा था। फिर मैं उनको बेड पर लेटाया और वो जैसे तैसे तौलिया से अपने लण्ड को ढके। मैं फट से मूव लायी और उनके कोहनी पर लगाया। और मैंने पूछा और कहा चोट लगी है तो वो बोले कमर में। तो मैने कहा आप उधर घूमिए मैं मूव लगा दूँ तो वो चादर खिंचे और उसे ओढ़ लिए और घूम गए। मैं चादर उनके कमर तक हटाई और मूव से मालिश की थोड़ी देर बाद उनको आराम मिला।

पूरा दिन उनका लंबा काला मोटा लण्ड मेरी आँखों के सामने घूमता रहा। मेरे मन मे तरह तरह के ख्याल आने लगे। मैं उनका लन्ड को याद कर करके उत्तेजित हो रही थी। मेरे दिमाग मे यही आ रहे थे की जब सोया हुआ उनका लन्ड इतना बड़ा है तो खड़ा होता होगा तो कितना बड़ा होता होगा।

मैं पूरा दिन यही सोच सोच के पूरी उत्तेजित हो चुकी थी। मेरी चुचियाँ कड़क हो चुके थे। चुचियों के निपल बड़े हो गए थे। मेरी चूत पूरा दिन रिसता रहा। मेरी पैंटी दिन भर गीली रही। ऐसा लग रहा था कि कास मेरे चूत को कुछ मिल जाता।

लेकिन चाचा के कोहनी का दर्द फिर से बढ़ने लगा शाम के करीब 5 बजे थे। तो उन्होंने अपने एक दोस्त को कॉल किया की तुम हॉस्पिटल सीधा आ जाओ मैं टैक्सी ले के पहुँचता हूँ। फिर वो हॉस्पिटल चले गए।

अब मैं घर मे अकेले थी। मैं अपने बिस्तर पर गयी और मेरे दिमाग मे उनका लंड घूमने लगा। अनायास ही मेरी हाथ मेरी चुचियों पर चले गए। और सहलाने लगे। मैं जोर जोर से चुचियों को दबाने लगी। मेरी बदन की आग अब और तेजी से धधकने लगी। मैं टॉप उतार दी और ब्लू कलर की ब्रा के ऊपर से ही अपने चुचियों को मसलने लगी। फिर मैं ब्रा भी उतार दी और अपने चुचियों के निप्पल को मसलने लगी मेरी निप्पल बहुत बड़े हो गए थे। मैं अब पागल हो रही थी।

फिर मेरा हाथ खुद ब खुद चूत के ऊपर लोअर पर चला गया। मेरी चूत गीली हो चुकी थी। अब मैं लोअर और पैंटी के अंदर हाथ डाला जैसे ही मेरी उंगलियां मेरी चूत को टच की मेरे अंदर हजार वाल्ट का करंट दौड़ गया। मेरी चूत हद से ज्यादा गीली थी। पूरा चूत पानी पानी हो रखा था। मैं चूत को सहलाने लगी। चुकी दिन भर मेरी चूत से पानी आ रहा था। तो जैसे ही मैं अपने हाथों से चूत को रगड़ी मेरी चूत से गर्म लावा बाहर आने लगा। मैं जोर से अपने चूत के दाने को रगड़ी। और तब तक रगड़ी जबतक चूत से पूरा पानी बाहर नही निकल गया। मेरी पूरी पैंटी और लोअर गीली हो चुकी थी। एक पल के लिए तो मैं बेसुध हो गई। लेकिन फिर मुझे झटका से लगा और मैं हड़बड़ाकर उठी और। और मैं खुद को कोस की मैं क्या कर रही हूँ। फिर मैं लोअर और पैंटी उतार दी और चेंज करने के लिए अलमारी से दूसरी पैंटी और शॉर्ट्स निकालने लगी लेकिन जैसे ही मैं अलमारी पास गई। मैं खुद की नंगा बदन देखकर हैरान रह गई। मेरी चुचियाँ बिल्कुल खड़े थे। मेरी चूत अभी भी पूरी गीली थी। और चमक रही थी। फिर मैं एक पैर उलार की और अपने चूत को फैलाकर देखने लगी। मेरी चूत बिल्कुल लाल दिख रही थी। और जब मैं ध्यान से देखी तो गहराई में मुंह ऐसा लगा नाइस मेरी चूत की छेद बन्द है। मैं हैरान रह गई ऐसा देखकर फिर मैं सीधी हुई और पीछे की तेग होकर अपने पूरे बदन को शीशे में निहारा। ये पल बहुत खूबसूरत थे।

मैं दूसरा ब्रा और पैंटी निकाल कर पहना। और शॉर्ट्स भी टॉप वही मैं पहन ली। जब मैं पैंटी और लोअर को उठाया तो देखा पूरी पैंटी मेरी चूत की लसलसा पानी से भीगा हुआ था। उसमें से एक अजीब सी खुशबू आ रही थी। मुझे थकान सी लगी तो मैं बाथरूम में गई और लोअर पैंटी और ब्रा को ऐसे ही रख के आ गयी।

और बिस्तर पर आके लेट गयी मुझे कब नींद आया पता ही नही चला। जब मेरी नींद खुली तो रात के 8 बज चुके थे। मुझे अचानक से याद आया कि मैं पैंटी औ लोअर ऐसे ही रखी हूँ मैं भागी भागी बाथरूम की तरफ गयी तो देखा अंदर से आवाज आ रही है। मेरे चाचा हॉस्पिटल से आ गए थे। और बाथरूम में गए होंगे। मैंने धीरे से दरवाजा हटाकर देखा तो हैरान रह गई। चाचा मेरी पैंटी को चाट रहे थे और लोअर में अपना लंड रगड़ रहे थे। उनका पीठ मेरी तरफ था इसलिए लंड नही दिख रहा था। फिर मैंने देखा चाचाजी का शरीर अकड़ने लगा और वो जोर जोर से आहहहहहहहह aahhhhhh करने लगे वो तेजी से लण्ड को झोर रहे थे फिर शांत हो गए।

फिर चाचाजी बाहर आए और मुझसे बोला गुड़िया कॉफ़ी बना दो हॉस्पिटल आने जाने में काफी थक गया हूँ। मैंने पूछा डॉक्टर क्या बताया कही फ्रैक्चर तो नही है। तो उन्होंने बोला कि नही बस थोड़ी चोट है दावा मिला है 2 दिन में ठीक हो जाएगा। रात को खाना खाने के बाद मैं अपने रूम में सोने चली गई। आज मैं जल्दी सोने चली गई। मैं चाचा की बाथरूम वाली सिन देखकर दहशत में थी।

फिर कब मुझे नींद अपनी आगोश में ले लिया मुझे पता ही नहीं चला। लेकिन फिर कुछ टाइम बाद मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे मेरे चुचियों को कोई मसल रहा है कमरे की लाइट बंद थी लेकिन मैं समझ गयी की चाचा जी मेरे चुचियों को दबा रहे हैं, लेकिन मैं सोचने लगी  की मैं इसका विरोध करूं या नहीं, क्योंकि अब मेरे बदन में भी ज्वालामुखी फूटने लगी थी।  मैंने फैसला किया कि देखते हैं चाचाजी और क्या करते हैं। मैं बिना कोई हरकत किए चुप चाप पड़ी रही| अब वो मेरी चुचियों को जोर से दबाने लगे थे। मुझे दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था। इस कारण मैं अपनी चीखे बड़ी मुश्किल से संभाल पा रही थी। फिर मैं थोड़ा हिली तो उन्होंने आपने हाथ पीछे कर लिए जिससे मुझे राहत महसूस हुई, पर मुझे नहीं पता था की चाचा के मन में क्या है. मैं चाचा की तरफ कमर करके लेट गयी, फिर उन्होंने मेरी गांड पर अपना हाथ रखा और सहलाने लगे, मैं सोने से पहले पैंटी उतार दिया करती हूं तो अब मेरी गांड और उनके हाथ के बीच में बस मखमली पायजामे का पतला कपड़ा था। मेरे अंदर अब आग तेजी से धधकने लगे। मैं बहकने लगी पर मेरे चाचा नहीं रुके, वो अपना लंड हिलाए जा रहे थे और साथ मेरी गांड को सहलाए जा रहे थे, ऐसा करते करते उन्होंने अपना लंड मेरी गांड पर लगा दिया और रगड़ने लगे।

शायद वो समझ चुके थे कि मैं जाग चुकी हूं। फिर उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और अपने लण्ड पर रख दिया और जोर जोर से रगड़ने लगे। मेरी धड़कने तेज हो गई। मैं अपना हाथ हटाने लगती तो वो जोर से पकड़ लेते, तब उनकी हिम्मत बढ़ गयी और मेरे कान में आ कर बोले मेरी जान मुझे पता है तू जग रही है और मजे ले रही है। अब सोने का नाटक बन्द करो। मेरा तो जैस दिल छाती से बाहर आ गया। और मैं कांपने लगी। और जैसे ही मैं उनकी तरफ मुँह किया तो वो मेरे होठों को जोर से चूमना और काटना शुरू कर दिया, मैं चीला भी नहीं पा रही थी बस आआआह्ह्ह्हहहहह मममममममममममममम की आवाज निकल पायी।

मैं उनको पीछे हटाना चाह रही थी पर मेरी कोशिश नाकाम रही, पर फिर मैं जैसे तैसे दूर हो गयी, मैंने चाचा से कहा “ये सब गलत है  पर वो बोले “ मेरी जान मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और मैं जानता हूँ तू भी मुझसे बहुत प्यार करती है। अब दिखावा करने का कोई फायदा नहीं। क्योंकि मैं जान चुका हूँ कि आज तुम मेरे नाम का मुठ मारी हो। उसका नतीजा बाथरूम में पड़ी तुम्हारी चुत के पानी से सनी पैंटी बता रही थी। अब चलो असली चुदाई का आनंद देता हूँ। मैं डर रही थी पर मेरे चाचा मेरी चुचियों को दबाने लगे, उनका हाथ बहुत तगड़ा था। मुझे ऐसा लग रहा था मानो मेरे चुचियाँ किसी पत्थर के बीच कुचले जा रहे हो।

मैं बोल रही थी “नहीं आआह्ह चाचा जी प्लीज मुझे छोड़ दो प्लीज आआअह्ह्ह्हहहहहहहहहहहह एआईईईईईईकीईईईई मउई ममममममममम्मा छोडोडो  आआह्हहहहहहह” पर मेरे चाचा नहीं माने और जोर से मेरी चुचियाँ दबाने लगे। उन्होंने मेरी टॉप खिंच कर फाड़ दी, जिससे मेरे चूचे उछल कर बाहर आये, मैं रात को सोने से पहले पैंटी और ब्रा निकाल देती हूं।  तो चुचियाँ मानो आजाद हो गए। चाचा जी ने लाइट जला दी, अब मेरी नजर पहले उनके लण्ड पर पड़ी, वो ऐसे खड़ा था जैसे कोई जहरीला नाग फन उठाए खड़ा हो।, उनका काला लंड फुंफ़कार रहा था जैस चुत के लिए तड़प रहा हो, मेरी चुचियाँ लाल हो गए थे। मानो शरीर का  सारा खून यही आकर जम गई हो।, चाचा की हाथों उँगलियों के निशान बने हुए थे मेरे चूचे सूज गए थे, चाचा अब मेरी और बढ़ रहे थे, मैं पीछे होने लगी तो उन्होंने मेरे हाथ पकड़ लिए मुझे बड़ा दर्द हो रहा था “आह्ह्ह्हह्हहहहह चाचा जी छोड़ो मुझे, प्लीज मत करो। पर वो नहीं माने और मुझे बेड पर गिरा दिया मेरे ऊपर लेट गए और चूमने लगे मेरी चुचियों पर दबाव बढ़ाने लगे।

मैं चिल्लाती रही “आआअह्ह्ह्हह एआइइइइ अम्मम्म” अब वो मेरी चुत को पायजामे के ऊपर से सहलाने लगे मेरे तो होश ही उड़ गए, वो मेरी चुत को दबाने लगे मैं न जाने किस दुनिया में पहुंच गयी। अब मुझे  भी बहुत आनंद आने लगा। मेरी चूत की आग भड़क गई।अब चाचा ने मेरी पायजामे के अंदर हाथ डाला और मेरी चूत को रगड़ने लगे। मेरी चूत पहले से पूरी गीली हो चुकी थी। चूत का दाना बिल्कुल कड़क और मोटा हो चुका था। मुझे शर्म और डर दोनों हो रहे थे, मेरी चुत पर हल्के बाल थे। क्योंकि मैं करीब 5 दिन पहले शेव की थी। वो मेरी चूत लगातर सहला रहे थे अब मुझे बहुत अच्छा फील होने लगा।  फिर चाचा ने मेरी पायजामे को निकाल दिया। मेरी नंगी चूत अब उनके सामने थे।

चाचा ने मेरी चुत पर अपने होठ रखे और चूमना शुरू किया, मुझे बहुत मजा आने लगा।  अब मेरी चुत में उन्होंने अपनी जीभ घुसा दी, मुझे ऐसा अहसास कभी नहीं मिला था। आज मेरी चूत बहुत गरम हो चुकी थी। उनका जीभ गरम गिला अहसास मेरी चुत को और उत्तेजित कर रहा था।

अब मैं भी चाचा जी का साथ देने लगी और “ममममममम आआहहहहहहहह आहहहहहहहहहहहहहहहह” की आवाज मेरे मुँह से अपने आप निकलने लगी! मेरे चाचा जी समझ गए की मैं अब इसका मजा ले रही हूँ, तभी उन्होंने अपनी जीभ हटा ली जिससे मैं तड़प रही थी।

और उनकी तरफ ऐसे देख रही थी की जीभ दुबारा डाल दो, वो मेरी तरफ देख कर बोले “अब मुझे मजा दो” वो मेरे पास आये और अपना लंड मेरे मुँह के पास ले आये और मेरे मुँह को आपने लंड से छूने लगे, मुझसे कहने लगे “इस लन्ड को अपने मुँह में ले” उनके लन्द से भीनी भीनी बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी।मैंने अपना मुँह खोला ही था की चाचा ने लंड को झटके से अंदर कर दिया जो मेरे गले तक चला गया। और आखों से आंसू आ गए, मुझे साँस लेने में दिक्कत हो रही थी, अब चाचा मेरे मुँह में लण्ड हिलाने लगे। वो लन्द को आगे पीछे कर मेरे मुँह को चोदने लगे।

फिर उन्होंने मेरा सर पकड़ा और जोर से अपने लंड की तरफ धकेल दिया, लंड मेरे गले से भी नीचे चला गया. मेरी तो जान ही निकल गई। और करीब 10, 15 झटकों के साथ चाचा जी ने मेरे गले को और मुँह को अपने स्वादिष्ट वीर्य से भर दिया।अब चाचा जी ने मुझे अपनी तरफ खिंचा और मेरे चुत को चूमा। अब वो जोर जोर मेरी चुत को चुम रहे थे। मेरी चुत अब लाल हो चुके थे, अब वहां पर ऊँगली रखने पर भी दर्द हो रहा था, मैं बेसुध हो गयी मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, मैं चाह रही थी बस जल्दी से ये सब ख़तम हो जाए.

अब मेरे चाचा ने हटे और  एक सेक्स की गोली खाई। जो पहले ही वो ला रखे थे। और उसके कुछ समय बाद उनका लंड फिर खड़ा हो गया, अब उन्होंने मुझे अपने लंड की तरफ सरकाया, जिससे मेरी चुत उनके लंड के सामने हथियार डाले खड़ी थी.फिर चाचा ने ढेर सारा थूक अपने लण्ड पर लगाया और और मेरी चूत पर थूका। अब चाचा ने मेरी चुत पर अपना लंड सेट किया और एक ऐसा झटका मारा जिससे मुझे ऐसा लगा मेरी जिंदगी इस लोडे पर ही ख़तम हो जाएगी, एक धका और उनका लण्ड मेरी चुत को पर्दे को चीरता हुआ अन्दर चला गया, मेरी कमर तक दर्द से मूड गयी, दर्द इतना था की चींखने में भी जोर ना लगा पायी, फिर भी मेरे मुँह से काफी तेज चीख निकला।  मैं कराहते हुए बोली “आह्ह्ह्हह आआआहहह म  आह अहा अहा अहा मर गयी चाचा जी।

चाचा भी आआअह कर रहे थे उनकों भी मेरे चुत की सील तुड़ाई में मजा आया, मैं बस मुँह खोले और आआह आह्ह्ह्ह की आवाज निकले पड़ी रही मेरी चुत से तो मानो खून की नदी बह गई। खून की धारा बह गयी। मैं अधमरी सी हो गई।फिर चाचा ने धके लगाने शुरू किये अब मुझे बेहद मजा आ रहा था  “आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह आअह्ह्ह उहहहहहहहहहह की चींखों से पूरा कमर गूंजता रहा, लण्ड मानो मेरी चुत की पिटाई कर रहा था। हर धके के साथ गहराई बढ़ती जा रही थी, उनका लंड मेरे बच्चेदानी पर ठोकर मार रहा था।अब रफ्तार बढ़ने लगी। धके और तेज होने लगे, चाचा कहने लगे “रंडी ले आज में तुझे अपनी पत्नी बना दूंगा मादरचोद” करीब 15 मिनट तक चुदाई होता रहा मैं 2 बार झाड़ चुकी थी। फिर चाचा और तेज चोदने लगे। और फिर उनका लंड गरम उबलता वीर्य मेरी चुत में उड़ेल दिया।!

चाचा एक मिनट तक अपना वीर्य निकालते रहे, मुझे लग रहा था जैसे मेरी चुत उनके वीर्य को संभाल ही नहीं पायेगी मेरी चूत से भी लगातार पानी रिस रहा था।चाचा कुछ देर मेरे ऊपर ही पड़ गए। और वैसे ही चूत में लण्ड डाले रहे। करीब और आधा घंटा बाद मैं हल्का धका दी उनको और दूसरी तरफ किया।और वो ऐसे ही नंगे मेरे बगल में नींद से सो गए। मैं भी नंगे लेटी रही मेरी चुत में जलन हो रहा था। लग रहा था जैसे अंदर छिल गया हो। मेरे चाचा ने मुझे चोद के मेरे चूत की धज्जियां उड़ा डाले थे। मेरी हालत बहुत खराब थी।

और ऐसे मैं अपने चाचा की रखेल बन गयी, इसके बाद मैं भी उनके साथ खुल गयी और हम दोनों अब रोज चुदाई करते हैं । मेरी चूत तो 24 घंटे चुदने को तैयार रहती है। कभी कभी तो चाचा मुझसे हार मानकर माफी मांगने लगते हैं कि अब बख्स दो।

तो ये थी मेरी पहली चुदाई और चूत की सील की तुड़ाई। 

हमें उम्मीद है कि आपको हमारी कहानियाँ पसंद आयी होगी और हम आपको बेहतरीन सेक्स कहानियां प्रदान करना जारी रखेंगे 

ऐसी कयामत भरी चुदास कहानी पढ़ने के लिए https://nightqueenstories.com पर बने रहना। हम आपको पूरा यकीन दिलाते हैं आपकी पसंद की हर कहानियां लेकर आएंगे। और चुत औऱ लन्ड की गर्मी शांत करते रहेंगे।

इस तरह की और कहानियाँ पाने के लिए nightqueenstories.com पर जाएं।

कमेंट और लाइक करना न भूलें।

मेरी अगली कहानी का शीर्षक है “चरमसुख का एहसास”

हिंदी की कहानियों के लिए यहां क्लिक करे Indian Antarvasna Sexy Hindi Seductive Stories

इंग्लिश की कहानियों के लिए यहां क्लिक करे  Best Real English Hot Free Sex Stories

धन्यवाद।

आपसब अपना ख्याल रखिएगा। और अपना प्यार इसी तरह बनाए रखिएगा।

नमस्कार।

The End

81% LikesVS
19% Dislikes

2 thoughts on “चाचा ने की पहली चुदाई

  1. Im very pleased to find this site. I need to to thank you for ones time for this particularly fantastic read!! I definitely really liked every part of it and I have you bookmarked to see new information on your site.

Leave a Reply to israel-lady.co.il Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *